सोमवार 26 मई 2025 - 16:57
इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन की उपलब्धियाँ

हौज़ा / इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) की सरकार की उपलब्धियाँ बहुत प्रभावशाली और महत्वपूर्ण हैं। एक ही वाक्य में कहा जाए तो ये उपलब्धियाँ इंसान की सभी आध्यात्मिक और भौतिक जरूरतों का जवाब हैं, जो अल्लाह ने इंसान के अंदर एक जिम्मेदारी के रूप में रखी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन के उद्देश्य असली और सच्चे हैं, जो इंसान की गहरी चेतना में जड़े हुए हैं। सभी लोग इन्हीं उद्देश्यों को पाने की इच्छा रखते हैं। ये योजनाएँ कुरान और आइम्मा ए मासूमीन (अलैहेमुस्सलाम) की शिक्षाओं पर आधारित हैं और हर क्षेत्र में इन्हें लागू करने की ज़मानत भी है। इसलिए, इमाम महदी (अ) की सरकार की उपलब्धियाँ बहुत प्रभावशाली और महत्वपूर्ण हैं। एक वाक्य में कहा जाए तो इमाम महदी की सरकार की उपलब्धियाँ इंसान की सभी आध्यात्मिक और भौतिक जरूरतों का जवाब हैं, जो अल्लाह ने इंसान के अंदर एक जिम्मेदारी के रूप में रखी हैं।

यहाँ हदीसों के अनुसार, इन उपलब्धियों में से कुछ को प्रस्तुत किया गया है:

1. व्यापक न्याय 

कई हदीसों में बयान हुआ है कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के क़याम और क्रांति का सबसे बड़ा नतीजा दुनिया में न्याय और इंसाफ का पूरी तरह से फैल जाना होगा। मुहम्मद (स) के वंशज, क़ायम (अलैहिस्सलाम) की सरकार में समाज के हर स्तर पर न्याय एक ऐसी लहर की तरह दौड़ेगा जो हर जगह पहुंचेगा। कोई भी छोटा या बड़ा संगठन ऐसा नहीं होगा जहाँ न्याय न हो, और लोगों के बीच के रिश्ते भी उसी न्याय के आधार पर बनेंगे।

इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने इस बारे में फ़रमाया:
أَمَا وَ اَللَّهِ لَیَدْخُلَنَّ عَلَیْهِمْ عَدْلُهُ جَوْفَ بُیُوتِهِمْ کَمَا یَدْخُلُ اَلْحَرُّ وَ اَلْقُرُّ अमा वल्लाहे लयदख़ोलन्ना अलैहिम अदलोहू जौफ़ा बोयूतेहिम कमा यदख़ोलुल हर्रो वल क़ुर्रो 

मैं कसम खाता हूँ अल्लाह की, उनका न्याय लोगों के घरों के अंदर ऐसा घुस जाएगा जैसे कि गर्मी और ठंडक घर के अंदर घुसती है। (ग़ैबत नौमानी, भाग 1, पेज 296)

2. सोच, नैतिकता और ईमान की बढ़ोतरी

हदीसो में बयान हुआ है कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन में लोगों की सोच, नैतिकता और ईमान में वृद्धि होगी।

इमाम बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
إِذَا قَامَ قَائِمُنَا وَضَعَ اَللَّهُ یَدَهُ عَلَی رُءُوسِ اَلْعِبَادِ فَجَمَعَ بِهَا عُقُولَهُمْ وَ کَمَلَتْ بِهِ أَحْلاَمُهُمْ इज़ा क़ामा क़ाऐमोना वज़्अल्लाहो यदहू अला रऊसिल ऐबादे फ़जमआ बेहा ओक़ूलोहुम व कमलत बेहि अहलामोहुम 

जब हमारा क़ायम क़याम करेगा, तो अल्लाह अपनी रहमत का हाथ लोगों के सिर पर रखेगा, जिससे उनकी बुद्धि एकजुट होगी (ताकि वे अपनी इच्छाओं का पालन न करें और आपस में झगड़ा न करें) और इस तरह उनकी समझ पूरी तरह परिपक्व हो जाएगी। (काफी, भाग 1, पेज 25)

यह जानना जरूरी है कि सभी अच्छाइयाँ और सुंदरताएँ इंसान की अक़्ल के कामिल होने के बाद ही प्राप्त होती हैं, क्योंकि अक़्ल इंसान के अंदर का एक अंदरूनी पैगंबर है। जब यह इंसान के शरीर और आत्मा पर हावी होगी, तो उसकी सोच और काम सही दिशा में होंगे, जिससे वह अपने रब की इबादत के रास्ते पर चलेगा और खुशहाली हासिल करेगा।

3. एकता और भाईचारा

हदीसों के अनुसार, इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के वैश्विक शासन के तहत रहने वाली जनता एकजुट और घनिष्ठ होगी। महदी के शासन के समय, लोगों के दिलों में एक-दूसरे के प्रति नफ़रत और दुश्मनी के लिए कोई जगह नहीं होगी।

इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने इस बारे में फ़रमाया:
وَلَوْ قَدْ قامَ قائمُنا... لَذَهَبْتِ الشَّحْناءُ، مِنْ قُلُوبِ الْعِبادِ... ...वलौ क़द कामा क़ाऐमोना ... लज़हबतिश शहनाओ, मिन क़ोलूबिल ऐबादे

जब हमारा क़ाइम क़याम करेगा, तो लोगों के दिलों से नफ़रत दूर हो जाएगी। (बिहार उल अनवार, भाग 52, पेज 316)

इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने महदी के ज़माने का वर्णन करते हुए फ़रमाया:
... وَ یَجْمَعَ اَللَّهُ اَلْکَلِمَةَ وَ یُؤَلِّفَ بَیْنَ قُلُوبٍ مُخْتَلِفَةٍ... ...व यज्मअल्लाहुल कलेमता व योअल्लेफ़ा बैना क़ोलूबिन मुख़तलेफ़तिन ...

अल्लाह सभी की बातों को एक कर देगा और अलग-अलग दिलों के बीच मोहब्बत और एकता कायम करेगा। (कमालुद्दीन, भाग 2, पेज 645)

4. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

महदी (अलैहिस्सलाम) की नेक और न्यायपूर्ण सरकार में, जहाँ अच्छाइयों और सुंदरताओं का राज होगा और रिश्ते भाईचारे और बराबरी पर आधारित होंगे, इंसानों की शारीरिक और मानसिक बीमारियाँ दूर हो जाएंगी। इंसान की ताकत और ऊर्जा अद्भुत रूप से बढ़ जाएगी।

इमाम सज्जाद (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
إِذَا قَامَ الْقَائِمُ أَذْهَبَ اللَّهُ عَنْ کُلِّ مُؤْمِنٍ الْعَاهَةَ وَ رَدَّ إِلَیْهِ قُوَّتَهُ इज़ा क़ामल क़ायमो अज़हबल्लाहो अन कुल्ले मोमेनिल आहतो व रद्दा इलैहे क़ुव्वतहू 

जब क़ाइम क़याम करेगा, तो अल्लाह हर मोमिन से बीमारी दूर कर देगा और उसकी ताकत वापस ला देगा। (ग़ैबत नौमानी, भाग 1, पेज 317)

उस समय, जब ज्ञान बहुत तेजी से बढ़ेगा, कोई भी बीमारी ऐसी नहीं रहेगी जिसका इलाज न हो। स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में भी बड़ी तरक्की होगी। इमाम की मौजूदगी की बरकत से बहुत से बीमार ठीक भी होंगे।

5. भलाई और बरकत

इमाम महदी की सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है बहुतायत में भलाई और बरकत। उनकी सरकार के वसंत काल में हर जगह हरियाली और खुशहाली फैल जाएगी, जीवन में ताजगी और ऊर्जा आएगी। आसमान से बारिश होगी और ज़मीन उपजाऊ होगी, जिससे अल्लाह की बरकतें बहुतायत से बरसेंगी।

इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
یَسُوقُ اللَّهُ تَعَالَی بِهِ بَرَکَاتِ السَّمَاوَاتِ وَ الْأَرْضِ فَیُنْزِلُ السَّمَاءُ قَطْرَهَا وَ یُخْرِجُ الْأَرْضُ بَذْرَهَا यसूक़ुल्लाहो तआला बेहि बरकातिस समावाते वल अर्ज़े फ़युंज़ेलुस समाओ क़तरहा व युख़रेजुल अर्ज़ो बज़रहा

अल्लाह तआला उनके कारण आसमान और ज़मीन की बरकतें उतारता है। उस दौर में आसमान से बारिश होगी और ज़मीन से फसल उगेगी। (ग़ैबत शेख तूसी, भाग 1, पेज 188)

6. गरीबी का खत्म होना

जब इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के लिए ज़मीन के सारे संसाधन खुल जाएंगे और आसमान और ज़मीन की बरकतें लोगों पर बिना रोक-टोक बरसेंगी और न्याय के साथ बांटी जाएंगी, तो गरीबी और तंगी के लिए कोई जगह नहीं रहेगी। इमाम महदी की सरकार में इंसान हमेशा के लिए गरीबी और अभाव से मुक्त हो जाएगा।

उस दौर में आर्थिक रिश्ते भाईचारे और बराबरी पर आधारित होंगे। स्वार्थ और व्यक्तिगत लाभ की जगह दूसरों के लिए दया, सहानुभूति और एक-दूसरे की मदद करने का भाव ले लेगा। सभी लोग एक परिवार के सदस्य की तरह एक-दूसरे को देखेंगे, जिससे हर जगह एकता और मेलजोल की खुशबू फैलेगी।

इमाम बाक़िर (अलैहिस्सलाम) ने इस बारे में फ़रमाया:
وَ یُعْطِی اَلنَّاسَ عَطَایَا مَرَّتَیْنِ فِی اَلسَّنَةِ وَ یَرْزُقُهُمْ فِی اَلشَّهْرِ رِزْقَیْنِ وَ یُسَوِّی بَیْنَ اَلنَّاسِ حَتَّی لاَ تَرَی مُحْتَاجاً إِلَی اَلزَّکَاةِ व यौअतिन नासा अताया मर्रतैने फ़िस सनते व यरज़ोक़ोहुम फ़िश शहरे रिज़क़ैने व योसव्वी बैन्न नासे हत्ता ला तरा मोहताजन इलज़ ज़काते 

इमाम महदी हर साल दो बार लोगों को दान देंगे और हर महीने दो बार उनकी रोज़ी-रोटी का इंतज़ाम करेंगे, और लोगों के बीच बराबरी करेंगे ताकि कोई भी ज़कात का हक़दार न रहे। (बिहार उल अनवार, भाग 52, पेज 390)

7. इस्लाम का शासन और काफ़िरों का नाश

कुरान की तीन आयतों में वादा किया गया है कि अल्लाह तआला पवित्र इस्लाम धर्म को पूरी दुनिया में फैलाएगा:

هُوَالَّذی اَرْسَلَ رَسُولَهُ بِالْهُدی وَ دِینِ الْحَقِّ لِیظْهِرَهُ عَلَی الدِّینِ کُلِّهِ होवल लज़ी अरसला रसूलहू बिल हुदा व दीनिल हक़्क़े लेयुज़्हेरहू अलद दीने कुल्लेह

वही है जिसने अपने रसूल को हिदायत और सच्चे धर्म के साथ भेजा ताकि वह सारे धर्मों पर विजय प्राप्त करे। (सूर ए तौबा, आयत न 33; सूर ए फतह, आयत न 28; और सूर ए सफ़, आयत न 9)

यह निश्चित है कि अल्लाह का वादा पूरा होगा और वह कभी भी अपना वादा नहीं तोड़ता क़ुरआन मे हैः
اِنَّ اللّهَ لایخْلِفُ الْمیعادَ इन्नल्लाहा या लुख़लेफ़ुल मीआद

निश्चय ही अल्लाह अपने वादे से मुकरता नहीं। (सूर ए आले इमरान, आयत न 9)

हालांकि, अब तक पैग़म्बर (स) और अल्लाह के वलीयों की कड़ी मेहनत के बावजूद यह शुभ घटना पूरी तरह से नहीं हुई है, और सभी मुसलमान इस दिन के आने की उम्मीद रखते हैं।

इसलिए, जब वह वली (इमाम महदी अलैहिस्सलाम) शासन करेंगे, तो "اشهد ان لا اله الّا اللّه अशहदो अल ला इलाहा इल्लल्लाह" (मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं) का नारा, जो तौहीद का झंडा है, और "اشهد انّ محمّداً رسول اللّه अशहदो अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह" (मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं) का जो इस्लाम का प्रतीक है, हर जगह गूंजेगा और शिर्क और काफ़िरों का नामोनिशान मिट जाएगा।

यह इस्लाम की सच्चाई और हक़ीक़त की वजह से होगा कि इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के समय में इस्लाम और भी अधिक स्पष्ट और प्रभावशाली होगा और सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा।

8. सामाजिक सुरक्षा

इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन में, जो हर क्षेत्र में सभी अच्छाइयों का दौर होगा, सुरक्षा जो अल्लाह की सबसे बड़ी नेमतों में से एक है और इंसान की सबसे बड़ी चाहतों में से है, हासिल होगी।

इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने इस बारे में फ़रमाया:
وَ لَوْ قَدْ قَامَ قَائِمُنَا ... لَذَهَبَتِ الشَّحْنَاءُ مِنْ قُلُوبِ الْعِبَادِ وَ اصْطَلَحَتِ السِّبَاعُ وَ الْبَهَائِمُ حَتَّی تَمْشِیَ الْمَرْأَةُ بَیْنَ الْعِرَاقِ إِلَی الشَّامِ لَا تَضَعُ قَدَمَیْهَا إِلَّا عَلَی النَّبَاتِ وَ عَلَی رَأْسِهَا زِینَتُهَا لَا یُهَیِّجُهَا سَبُعٌ وَ لَا تَخَافُهُ व लौ क़द क़ामा क़ाऐमोना ... लज़हबतिश शहनाओ मिन क़ोलूबिल ऐबादे वस तलाहतिस सेबाओ वल बहाएमो हत्ता तमशियल मरअतो बैनल इराक़े एलश शामे ला तज़ओ क़दमयहा इल्ला अलन नबाते व अला रासेहा ज़ीनतोहा ला योहय्येजोहा सबउन वला तख़ाफ़ोहू 

अगर हमारा क़ायम (इमाम महदी) क़याम करे, तो लोगों के दिलों से नफ़रत दूर हो जाएगी और जंगली जानवर और पालतू जानवर भी आपस में मेल-मिलाप से रहेंगे, यहाँ तक कि एक औरत इराक से शाम तक बिना किसी डर के चलेगी, वह केवल घास वाले मैदानों पर कदम रखेगी और अपने सिर पर गहने पहने होगी, कोई जंगली जानवर उसे परेशान नहीं करेगा और वह किसी से डरती भी नहीं होगी। (खिसाल, भाग 2, पेज 626)

9. ज्ञान का विस्तार

इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) के शासन के दौरान, इस्लामी और मानव विज्ञान के कई रहस्य खुलेंगे और मानव ज्ञान असाधारण रूप से बढ़ेगा।

इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने इस बारे में फ़रमाया:
اَلْعِلْمُ سَبْعَةٌ وَ عِشْرُونَ حَرْفاً فَجَمِیعُ مَا جَاءَتْ بِهِ اَلرُّسُلُ حَرْفَانِ فَلَمْ یَعْرِفِ اَلنَّاسُ حَتَّی اَلْیَوْمِ غَیْرَ اَلْحَرْفَیْنِ فَإِذَا قَامَ قَائِمُنَا أَخْرَجَ اَلْخَمْسَةَ وَ اَلْعِشْرِینَ حَرْفاً فَبَثَّهَا فِی اَلنَّاسِ وَ ضَمَّ إِلَیْهَا اَلْحَرْفَیْنِ حَتَّی یَبُثَّهَا سَبْعَةً وَ عِشْرِینَ حَرْفاً अल इल्मो सब्अतुन व इशरूना हरफ़न फ़जमीओ मा जाअत बेहिर रोसोलो हरफ़ाने फ़लम याअरेफ़िन नासो हत्तल यौमे ग़ैरल हरफ़ैने फ़इज़ा क़ामा क़ाएमोना अख़रजल ख़मसतो वल इशरीना हरफ़न फ़बस्सहा फ़िन नासे व ज़म्मा इलैहल हरफ़ैने हत्ता यबुस्सोहा सबअतन व इशरीना हरफ़न 

इल्म 27 अक्षरों का है, और जो कुछ भी पैगंबरों ने लाया है, वह केवल दो अक्षर हैं। आज तक लोग केवल उन दो अक्षरों को जानते हैं। जब हमारा क़ायम (इमाम महदी) क़याम करेगा, तो वह बाकी 25 अक्षरों को बाहर निकालेगा और उन्हें लोगों में फैलाएगा, और उन दो अक्षरों को भी उनके साथ जोड़ देगा, जिससे कुल 27 अक्षर पूरे समाज में फैल जाएंगे। (बिहार उल अनवार, भाग 52, पेज 336)

इक़्तेबास: किताब "नगीन आफ़रिनिश" से (मामूली परिवर्तन के साथ)

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha